Saturday, November 3, 2018

Religion | धर्म | Part-1

भारत, हिन्दुस्तान, इंडिया और भी बहुत कुछ, हमारे देश के नामों की विविधताएं भी हमारे देश की अनगिनत संस्कृतियों को दर्शाती हैं जो वर्षों से भारत को सभी देशों से अलग और श्रेष्ठ बनाती रही  है| एक गौरवशाली इतिहास लिए हुए हमारा देश निरंतर नए कीर्तिमान स्थापित करते हुए बढ़ रहा है| कई विद्वान और अनगिनत विभूतियाँ  इस दुनिया को भारत की तरफ से एक अमूल्य उपहार है, जो प्राचीन काल से ही विश्व को एक नए आयाम पर ले जाने में प्रमुख द्योतक रहे हैं|
परन्तु हर काल में भारत वर्ष में एक ऐसा 'प्रचंड विद्वान्' समूह भी दिखाई पड़ता है जो अपने आप में ही निराला होता है, 'निराला' वो प्रख्यात कवि नहीं बल्कि एक ऐसा 'हास्यात्मक विद्वान् समूह' जो पल पल हमें आइना भी दिखता है के अभी भी मानव जाति का सम्पूर्ण विकास होना शेष है |
सोशल मीडिया पर यदा कदा हर किसी का आमना सामना ऐसे विद्वानों से होता रहता है | आज ही मैंने भी एक ऐसे ही महोदय से फेशबुक पर बाइज्जत प्रणाम की अवस्था बनाकर विदाई ली | मुद्दा था एक 'वास्तविक समाज सेवक' की मौत की खबर पर R .I . P (Rest In Peace) लिख कर
लोगों का शोक व्यक्त करना | यूँ तो शोक व्यक्त करना महज एक भाउक पहलू है जो न प्रचलित फैशन देखता  है ना ही कोई मतलब ना धर्म, क्यूंकि मारा हुआ व्यक्ति अब किसी के काम कम ही आता है (जब तक लोग राजनीति में आकर गड़े मुर्दे ना उखाड़ें) तो 'काफी हद तक' शोक प्रकट करना एक वास्त्विक भावना होती है | इस सभी भावनात्मक कमैंट्स से शायद एक विद्वान की भावनाओं को ठेस पहुंची और वो ज्ञान देते हुए बोल पड़े के हमारे धर्म में ये सब नहीं होता बोलना ही है तो ये बोलें, ये करें और फलां फलां | और देखते ही देखते वो फेसबुक की  शोक में डूबी पोस्ट धार्मिक और ज्ञानी कमैंट्स से भरने लगी| कुछ तो आत्मा और परमात्मा के ऐसे छुपे छुपे रहस्य भी प्रस्तुत करने लगे की भगवान, अल्लाह और जीजस भी शायद सदमे में आगे होंगे के उनके डिपार्टमेंट से किसने ये खुफिया जानकारी RTI के तहत लीक कर दी| हो ना हो अपने बारे में इतनी खुफिया जानकारी लीक होते देख सभी धर्मों के भगवानों ने एक कमिटी का गठन तो कर ही दिया होगा के कौन घर का भेदी लंका ढाने की कोशिश कर रहा है| मुझे तो डर है कहीं CBI की जांच न बैठा दी गई हो | कदाचित प्रभु के लोक में भी उनके टीवी प्रवक्ता मीडिया को समझा नहीं पा रहे होंगे के कैसे ये घोटाले हो रहे हैं, कैसे प्रभु की तथा मृत्यु को प्राप्त हो चुके लोगों की इतनी खुफिया जानकारी जो आज तक किसी को बताई ही नहीं गई, लीक हो रही है |
खैर जो भी हो पर मुझे आज अपने देश में बस रहे विभिन्न धर्मों के प्रचंड विद्वानों की बातों से अवगत होने का मौका प्राप्त हुआ जिसके लिए मैं सदा फेसबुक का आभारी रहूँगा | कुछ देर तक तो मुझे भी उस 'वास्तविक देश प्रेमी समाज सेवक' की मौत का दुःख हुआ था , परन्तु इन धर्म के प्रख्यात विद्वानों ने मुझे उस दुःख को भुलाने का मौका दे दिया | फिर जब कुछ देर बाद धर्म का ज्ञान लेने के बाद स्क्रोल करते हुए ऊपर पहुँचा तो फिर से कुछ देर सन्न रह गया पर फिर सोचा के चलो ठीक ही हुआ, ऐसे कर्मठ लोगों के लिए अब ये दुनिया रहने लायक बची भी न है | परन्तु वो विभूति जरूर आज प्रभु के चरणों में बैठ के सोच रहा होगा के मैंने किन विद्वानों  के भविष्य के लिए पूरा जीवन न्योछावर कर दिया? वो जरूर सोच रहे होंगे के जो विद्वान् मेरी मृत्यु के बाद अब शोक कैसे व्यक्त करें इस बात पर मरने मारने को आमादा है, वो ही विद्वान अगर मेरे जीते जी इस अंधे और बेहरे हो चुके तंत्र के खिलाफ लड़ने को आजाते तो शायद मुझे अनसन कर के देह त्याग न करना पड़ता |
खैर जो भी हो इस सब के बाद मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा के किसी व्यक्ति  की मृत्यु पे  RIP या कुछ और बोलना गलत है, क्यूंकि इन शब्दों का उपयोग इस रोज धीरे धीरे मरते समाज के लिए करना ज्यादा उचित रहेगा | 'भारत' तो यहीं है, पर शायद 'भारतीय' कहीं खो रहे हैं |